Asha Bhosle and Ghulam Ali - Gaye Dinon Ka Suragh Lekar

गये दिनों का सुरघ लेकर
किधर से आया किधर गया वो
गये दिनों का सुरघ लेकर
किधर से आया किधर गया वो
अजीब मानुस अजनबी था
मुझे तो हैरान कर गया वो

गये दिनों का सुरघ लेकर

मैं अब वो यादो का चढ़ता दरिया
मैं अब वो यादो का चढ़ता दरिया
ना फुर्सतो की उदास बरखा
यूही ज़रा सी कासक दिल मैं
यूही ज़रा सी कासक दिल मैं
जो ज़ख़्म घेरा था वो भर गया
अजीब मानुस अजनबी था
मुझे तो हैरान कर गया वो

गये दिनों का सुरघ लेकर

वो हिजर की रात का सितारा
वो हिजर की रात का सितारा
वो हम-नफास हम-सुखन हमारा
सदा रहे उसका नाम प्यारा
सदा रहे उसका नाम प्यारा
सुना है कल रात मार गया वो

अजीब मानुस अजनबी था
मुझे तो हैरान कर गया वो

गये दिनों का सुरघ लेकर

वो रात का बे-नवा मुसाफिर
वो रात का बे-नवा मुसाफिर
वो तेरा शायर वो तेरा नासिर
तेरी गली तक तो हमने देखा
था फिर ना जाने किधर गया वो

अजीब मानुस अजनबी था
मुझे तो हैरान कर गया वो

गये दिनों का सुरघ लेकर
किधर से आया किधर गया वो

गये दिनों का सुरघ लेकर

Written by:
GHULAM ALI, NASIR KAZMI

Publisher:
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Asha Bhosle and Ghulam Ali

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