Anup Jalota - Dil Lagane Ki Baat

दिल लगाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं
चोट खाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं
चोट खाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं

दास्तान वो थी जो सुना दी हैं
दास्तान वो थी जो सुना दी हैं
फिर सुना ने की बात सोची हैं
फिर सुना ने की बात सोची हैं
चोट खाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं

मेरी नींदे उद्दा के ख्वाबों में
मेरी नींदे उद्दा के ख्वाबों में
तुमने आने की बात सोची हैं
तुमने आने की बात सोची हैं
चोट खाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं

मिल गया दर तेरा तसऊूर में
मिल गया दर तेरा तसऊूर में
सर जुकाने की बात सोची हैं
सर जुकाने की बात सोची हैं
चोट खाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं
दिल लगाने की बात सोची हैं

Written by:
ANUP JALOTA, HARSH BRAHMBHAAT

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network

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