Rashid Khan - Ye Kya Sochna

ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं
वो क्या खो गये
इक जहाँ खो दिया हैं
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं

वो जब हम कदम था
वो जब हम कदम
था तो सब हुंसफर थे
वो जब हम कदम
था तो सब हुंसफर थे
के साथी नही
करवा खो दिया हैं
ये क्या सोचनाए
क्या सोचना
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं

ये क्या दोआर आया
ये क्या दोआर आया आया ये
ये क्या दोआर आया
के इंसानियत ने ए
ये क्या दोआर आया
के इंसानियत ने
मोहोब्बत का नामो
निशान खो दिया हैं
ये क्या सोचनाए क्या सोचना
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं
ये क्या सोचना क्या

च्छुपाए थे दिल में
च्छुपाए थे दिल में
कहीं राज़ दिल के
च्छुपाए थे
च्छुपाए थे दिल
में कहीं राज़ दिल के
गया दिल तो इक
राज़ दा खो दिया
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं
वो क्या खो गये
इक जहाँ खो दिया हैं
ये क्या सोचना क्या
ये क्या सोचना क्या
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं
ये क्या सोचना क्या
ये क्या सोचना क्या
कहूँ खो दिया हैं

Written by:
JASPAL MONI, AMEETA PARSURAM MEETA

Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group

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Rashid Khan

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