Jagjit Singh - Chand Se Phool Se
चाँद से फूल से या
मेरी ज़ुबान से सुनिए
चाँद से फूल से या
मेरी ज़ुबान से सुनिए
हर तरफ आप का क़िसा
जहाँ से सुनिए
चाँद से फूल से या
मेरी ज़ुबान से सुनिए
सब को आता है दुनिया
को सता कर जििना
सब को आता है दुनिया
को सता कर जििना
ज़िंदगीइ क्या मुहब्बत
की जुबान से सुनिए
हर तरफ आप का क़िसा
जहाँ से सुनिए
चाँद से फूल से या
मेरी ज़ुबान से सुनिए
मेरी आवाज़ परदा
मेरे चेहरे का
मेरी आवाज़ परदा
मेरे चेहरे का
मैं हुउँ खामोश जहाँ
मुझको वहाँ से सुनिए
हर तरफ आप का क़िसा
जहाँ से सुनिए
चाँद से फूल से या
मेरी ज़ुबान से सुनिए
क्या ज़रुउरीी है की
हर परदा उठाया जाए
क्या ज़रुउरीी है की
हर परदा उठाया जाए
मेरे हालात अपने
अपने मकान से सुनिए
हर तरफ आप का क़िसा
जहाँ से सुनिए
चाँद से फूल से
या मेरी ज़ुबान से सुनिए
Written by:
Jagjit Singh, Muqtida Hasan Nida Fazli
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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