Ghulam Ali - Tumhare Khat Mein
तुम्हारे खत में
नया इक सलाम किस का था
तुम्हारे खत में
नया इक सलाम किस का था
ना था रक़ीब तो आख़िर
वो नाम किस का था
तुम्हारे खत में
नया इक सलाम किस का था
रहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा
रहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा
मुकीम कौन हुआ हे मकाम किसका था
मुकीम कौन हुआ हे मकाम किसका था
तुम्हारे खत में
नया इक सलाम किस का था
वफ़ा करेंगे निभाएँगे
बात मानेंगे
वफ़ा करेंगे निभाएँगे
बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ
यह कलाम किस का था
तुम्हें भी याद है कुछ
यह कलाम किस का था
तुम्हारे खत में
नया इक सलाम किस का था
ज़माना गुज़र गया वो ज़माना
कहें तो किस से कहें
गुज़र गया वो ज़माना
कहें तो किस से कहें
ख़याल मेरे दिल को
सुबह-ओ-शाम किस का था
ख़याल मेरे दिल को
सुबह-ओ-शाम किस का था
तुम्हारे खत में
नया इक सलाम किस का था
Written by:
GHULAM ALI
Publisher:
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