Ustad Ghulam Ali - Mushkil Hai Bachana Dil Ka

नवाक़े नाज़ से मुश्किल है बचना दिल का
नवाक़े नाज़ से मुश्किल है बचना दिल का
दर्द उठ उठ के बताता है ठिकाना दिल का
नवाक़े नाज़ से मुश्किल है बचना दिल का
हाए वो पहली मुलाकात में मेरा रुकना
हाए वो पहली मुलाकात में मेरा रुकना
और उसका वो लगवत से दिल का
और उसका वो लगवत से दिल का
नवाक़े नाज़ से मुश्किल है बचना दिल का

जी लगे आप का ऐसा के कभी जी ना भरे
जी लगे आप का ऐसा के कभी जी ना भरे
दिल लगाकर जो सुने आप फसाना दिल का
दिल लगाकर जो सुने आप फसाना दिल का
नवाक़े नाज़ से मुश्किल है बचना दिल का

तीर पर तीर लगा कर वो कहाँ करते हैं
तीर पर तीर लगा कर वो कहाँ करते हैं
क्यूँ जी तुम खेल समझते थे लगाना दिल का
क्यूँ जी तुम खेल समझते थे लगाना दिल का
नवाक़े नाज़ से मुश्किल है बचना दिल का
दर्द उठ उठ के बताता है ठिकाना दिल का
नवाक़े नाज़ से मुश्किल है बचना दिल का

Written by:
AMEER MINAI, GHULAM ALI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Ustad Ghulam Ali

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