Ashok Khosla - Mile Kisise Nazar To

शेर के फूल किताबों से नही
ज़ुलफ की च्चाओं से हम चुनते हैं
लोग होतो से सुना करते हैं
हम निगाहों से गाज़ल सुनते हैं

मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई
रहे ना अपनी खबर तो समझो
रहे ना अपनी खबर तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई

मिला के नॅज़ारो को वलेहना हया से फिर
मिला के नॅज़ारो को वलेहना हया से फिर
मिला के नॅज़ारो को वलेहना हया से फिर
मिला के नॅज़ारो को वलेहना हया से फिर
जुकाले कोई नज़र तो समझो गाज़ल हुई
जुकाले कोई नज़र तो समझो गाज़ल हुई
रहे ना अपनी खबर तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई

इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनून मेरा
इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनून मेरा
इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनून मेरा
इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनून मेरा
धड़क उठे दिल उतार तो समझो गाज़ल हुई
धड़क उठे दिल उतार तो समझो गाज़ल हुई
रहे ना अपनी खबर तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई

उदास बिस्तर की सिलवटे जब तुम्हें चुभे
उदास बिस्तर की सिलवटे जब तुम्हें चुभे
उदास बिस्तर की सिलवटे जब तुम्हें चुभे
उदास बिस्तर की सिलवटे जब तुम्हें चुभे
ना सो सको रात भर तो समझो गाज़ल हुई
ना सो सको रात भर तो समझो गाज़ल हुई
रहे ना अपनी खबर तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई

वो बद्घूमा हो तो शेर सूजे ना शायरी
वो बद्घूमा हो तो शेर सूजे ना शायरी
वो बद्घूमा हो तो शेर सूजे ना शायरी
वो बद्घूमा हो तो शेर सूजे ना शायरी
वो मेहेर्बा ज़फ़र तो समझो गाज़ल हुई
वो मेहेर्बा ज़फ़र तो समझो गाज़ल हुई
रहे ना अपनी खबर तो समझो
रहे ना अपनी खबर तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई
मिले किसीसे नज़र तो समझो गाज़ल हुई

Written by:
ZAFAR GORAKHPURI, ASHOK KHOSLA

Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group

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Ashok Khosla

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