Bhupinder Singh and Mitali Singh - Saaf Sunai Deti Hai
सॉफ सुनाई देती है
सॉफ सुनाई देती है
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
सॉफ सुनाई देती है
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
पिच्छाले पहेर के सन्नाटे में
किसने दी आवाज़ मुझे
सॉफ सुनाई देती है
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
सॉफ सुनाई देती है
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
पिच्छाले पहेर के सन्नाटे में
किसने दी आवाज़ मुझे
सॉफ सुनाई देती है
तन्हाई में जब भी अपने
दिल से बाते करता हूँ
तन्हाई में जब भी अपने
दिल से बाते करता हूँ
दिल से बाते करता हूँ
अंज़ानी सी लगती है क्यूँ
अपनी ही आवाज़ मुझे
अंज़ानी सी लगती है क्यूँ
अपनी ही आवाज़ मुझे
सॉफ सुनाई देती है
धोका खाना अपनी फ़ितरत
किसके सर इल्ज़ाम नसीब
धोका खाना अपनी फ़ितरत
किसके सर इल्ज़ाम नसीब
किसके सर इल्ज़ाम नसीब
अपना कह कर लूट गयी हैं
एक नयी आवाज़ मुझे
अपना कह कर लूट गयी हैं
एक नयी आवाज़ मुझे
पिच्छाले पहेर के सन्नाटे में
किसने दी आवाज़ मुझे
सॉफ सुनाई देती है
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
एक दर्द भारी आवाज़ मुझे
Written by:
AJMERI NASEEM, BHUPENDER SINGH
Publisher:
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