Anuradha Paudwal and Kavita Krishnamurthy - Dil Hai Lutne Ko Taiyyar
रूप का कुंदन बदन की चाँदी
रूप का कुंदन बदन की चाँदी
लिया मैं गुमु बन बन
दिल की धड़कन के संग बजे
गुणगरू की च्चन च्चन ना
चना ना ना ना ना
गुणगरू की च्चन च्चन ना
चना ना ना ना ना
गुणगरू की च्चन च्चन ना
चना ना ना ना ना
हो दिल हैं लूटने को टायर
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
नागिन कब से देखे रह
नागिन कब से देखे रह
सवेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
दी ने कहा बिसराई सवारिया
दी ने कहा बिसराई सवरयी
जिसकी धुन पर नाचे बावारयी
च्चन ना ना च्चन ना ना
मारी पायल बजे
सन ना ना सन ना ना
मोरा झुगना नाचे
बेकल बेकल भटक रही हैं
नगनिया बेचारी
किसके दर जाइए बेदर्दी
ये विरहा की मारी
ये विरहा की मारी
कटेगी कैसे साग्री रे
कटेगी कैसे साग्री रे
बसेरा होना चाहिया
दिल है लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
दिल है लूटने को टायर
जाने ना जाने कोई ना जाने
जाने ना जाने कोई ना जाने
हम ने तो पहचाना
बोल बेदर्दी कों है अपना
कों यहा बेगाना
जान बिच्छा कर आग लगाए
ये कैसा महखाना
सब को देना एक ही जैसा
ओ राजा पैयमाना
पैयमाना ओ राजा पैयमाना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ओ तेरी मदिरा पाए जल
तेरी मदिरा पाए जल
बावेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
अपने महबूब से यू
आज मुलाकात हुई
जिसका सोचा भी ना था
ऐसी अजब बात हुई
बेखुदी तूने बड़ा
बड़ा कम किया
हाथ बिछड़े हुए थे
बार ने तहम् लिया
हाथ बिछड़े हुए थे
बार ने तहम् लिया
आज कुछ कम सा गया दर्द
जिगर का प्यारे
ये हक़ीकत नही
दॉखा हैं नज़र का प्यारे
नज़र का प्यारे
ओ आख़िर कब तक काली रात
आख़िर कब तक काली रात
सवेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
नागिन कब से देखे रह
सवेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
लुटेरा होना चाहिया
दिल हैं लूटने को टायर
Written by:
LAXMIKANT PYARELAL, RAJENDAR KRISHAN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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