विक्रम मॉंटरोज़ and Divya Kumar - Jallad Zindagi
उठो लाल अब आंखें खोलो
आंखें खोलो
नया सवेरा शुभ शुभ बोलो
शुभ शुभ बोलो
सूरज सर पे छत बैठा है
छड़ बैठा है
बैंड किस्मत का ताला खोलो
खोले खोलो
ऑक्सीजन की पगार लेके, टेंशन के अंबर लेके
मोह में चिंता का सिगार दैनिक पीने को तयार
जाने कब सुधरेगी उधार जिंदगी..
जल्लाद जिंदगी जल्लाद जिंदगी
ऐसी तासी कर्ता है जल्लाद जिंदगी
जल्लाद जिंदगी जल्लाद जिंदगी
हंसते लेते हैं जल्लाद जिंदगी
जल्लाद जिंदगी जल्लाद जिंदगी
ऐसी तासी कर्ता है जल्लाद जिंदगी
मेरा भाई मेरा भाई लगी वाट मेरा भाई
मेरा भाई मेरा भाई लगी वाट मेरा भाई
शाना कौवा कब ये साला मोर बन के नाचेगा
एक तराफ है सूखा कुवा एक तराफ है गहरी खाई
मेरा भाई मेरा भाई लगी वाट मेरा भाई
मेरा भाई मेरा भाई लगी वाट मेरा भाई
एक हाथ में तेल का कटोरा, एक हाथ में माखन की थाली
निकले हैं घर से लेके ये पिता, इस आस में हो जाए लाइफ सेट है
हो डिग्री का भंडारे लेके
अपनी knowledge की दुकान लेके
Fake चेहरा जोरदार हरदम हंसने को तयार
जाने कब सुधरेगी जुलाब जिंदगी..
जल्लाद जिंदगी जल्लाद जिंदगी
ऐसी तासी कर्ता है जल्लाद जिंदगी
जल्लाद जिंदगी जल्लाद जिंदगी
हंसते लेते हैं जल्लाद जिंदगी
जल्लाद जिंदगी जल्लाद जिंदगी
ऐसी तासी कर्ता है जल्लाद जिंदगी
जल्लाद जल्लाद
ऐसी तासी कर्ता है जल्लाद जिंदगी
हंसते लेते हैं जल्लाद जिंदगी
Written by:
Azeem Shirazi, Vikram Montrose
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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