Kavita Krishnamurthy and Vinod Rathod - Khal Nayak Hoon Main
जी हाँ मैं हूँ खलनायक
नायक नहीं खलनायक है तू
नायक नहीं खलनायक है तू
ज़ुल्मी बड़ा दुःखदायक है तू
इस प्यार की तुझको क्या कदर
इस प्यार के कहा लायक है तू
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
ज़ुल्मी बड़ा दुःखदायक हूँ मैं
है प्यार क्या मुझको क्या खबर
बस यार नफ़रत के लायक हूँ मैं
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
तेरी तबियत तो रंगीन है पर
तू मोहब्बत की तौहीन है
कुछ भी नहीं याद इसके सिवा
न मैं किसी का न कोई मेरा
जो चीज़ मांगी नहीं वो मिली
करता मैं क्या और बस छीन ली
बस छीन ली
बस छीन ली
मैं भी शराफत से जीते मगर
मुझको शरीफ़ों से लगता था डर
सबको पता था मैं कमज़ोर हूँ
मैं इसलिए आज कुछ और हूँ
कुछ और हूँ
कुछ और हूँ
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
ज़ुल्मी बड़ा दुःखदायक हूँ मैं
है प्यार क्या मुझको क्या खबर
बस यार नफ़रत के लायक हूँ मैं
नायक नहीं खलनायक है तू
कितने खिलौनों से खेला है
तू अफ़सोस फिर भी अकेला है तू
बचपन में लिखी कहानी
मेरी कैसे बदलती जवानी मेरी
सारा समन्दर मेरे पास है
एक बूँद पानी मेरी प्यास है
मेरी प्यास है
मेरी प्यास है
देखा था माँ ने कभी प्यार से
अब मिट गई वो भी संसार से
मैं वो लुटेरा हूँ जो लुट गया मान का
आँचल कहीं छुप गया
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
मैं ज़ुल्मी बड़ा दुःखदायक हूँ मैं
है प्यार क्या मुझको क्या खबर
बस यार नफ़रत के लायक हूँ मैं
नायक नहीं खलनायक है तू
खलनायक हूँ मैं
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
नायक खलनायक
नायक खलनायक
Written by:
Anand Bakshi
Publisher:
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