Rashid Khan - Kambakht Dil Ne

कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया
वहसत को हुँने बाए
से रहमत बना दिया
वहसत को हुँने बाए
से रहमत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया

क्या क्या मोहते
दिए डोरे जादिद ने
क्या क्या मोहते
दिए डोरे जादिद ने
नफ़रत को प्यार प्यार को
नफ़रत को प्यार प्यार
को नफ़रत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया

हुँने हज़ार फ़ासले
जी कर तमाम शब
हुँने हज़ार फ़ासले
जी कर तमाम शब
हुँने हुँने हुँने
हुँने हज़ार फ़ासले
जी कर तमाम शब
इक मुफ़्तसर रात को
मुद्दत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया
वहसत बना दिया
वहसत बना दिया

मफ़सूस हद पे आ
गये जब बेरूख़ी तेरी
मफ़सूस हद पे आ
गये जब बेरूख़ी तेरी
उसे हद को हुँने
हासीले किस्मत बना दिया
उसे हद को हुँने
हासीले किस्मत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया

आए जान अपने दिल पे
मुझे नाज़ क्यूँ ना हो
आए जान अपने दिल पे
मुझे नाज़ क्यूँ ना हो
आए जान अपने दिल पे
मुझे नाज़ क्यूँ ना हो
इक ख्वाब था के जिस
को हक़ीकत बना दिया
इक ख्वाब था के जिस
को हक़ीकत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने इश्क़
को वहसत बना दिया
कम्बख़्त दिल ने
कम्बख़्त दिल ने
कम्बख़्त दिल ने

Written by:
JASPAL MONI, AMEETA PARSURAM MEETA

Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group

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Rashid Khan

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