Amaal Mallik - Tujhe Chaahta Hoon Kyun
शायद दिल को खबर थी नही
गुज़रा समा याद आएगा
तुझसे जुड़ा होते ही यारा
अपना सफ़र रुक जाएगा
आँखों में कोई
ख्वाब है नही
फिर क्यूँ रात भर जागता मैं
क्यू तुझे चाहता हों मैं
तुझे चाहता हूँ मैं क्यूँ
जब हम जुड़ा हो चुके है
फिर भी जाने क्यूँ
तुझे चाहता हूँ मैं
तुझे चाहता हूँ क्यूँ
डोर है नज़र से तू
फिर भी दिल के पास है
खुश है तेरी यादों में
हम कहा उदास है
दुनिया की बातों से
क्या फ़र्क पड़ता है
दिल जानता है तू
हर कदम पे साथ है
साथ है नही माना आज हम
कुछ बदला नही
ये मानता हूँ मैं
क्यूँ तुझे चाहता हूँ मैं
तुझे चाहता हूँ क्यूँ
जब हम जुड़ा हो चुके है
फिर भी जाने क्यूँ
तुझे चाहता हूँ मैं
तुझे चाहता हूँ क्यूँ
बीते वक़्त के पन्ने
लबज़ में पलट ता हूँ
ज़िंदगी में ना सही
काग़ज़ो में तेरा हूँ
कही तुमने बातें जो
खुद को सुनाता हूँ
दिल मुझे मनाता है
दिल को मैं मनाता हूँ
यादो से भरे
तेरी हर कमी
तू ना आएगा ये जानता हूँ मैं
क्यूँ तुझे चाहता हूँ मैं
तुझे चाहता हूँ क्यूँ
जब हम जुड़ा हो चुके है
फिर भी जाने क्यूँ
तुझे चाहता हूँ मैं
तुझे चाहता हूँ क्यूँ
Written by:
Kunaal Verma
Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), DISTROMACHINE PUBLISHING
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