Alka Yagnik, Kavita Krishnamurthy, Udit Narayan, Hema Sardesai and Subramanium - Eli Re Eli

एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली
मेरी अंगड़ाया ओ मेरी अंगड़ाया
मेरी तन्हाइया मेरी अंगड़ाया कितनी अकेली
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली
तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम
तू रु रूम तू रु रूम
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली
तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम
तू रु रूम तू रु रूम

चली है अब के बरस ना जाने कैसी ये हवाए
चालू मैं लाख संभलके पर कदम डगमगाए
ना जाने क्यू ऐसी बाते मेरे दिल मे आए जाए
के मेरी सारी सहेलिया मेहंदी लगाए
मैं भी आगे कर दू अपनी हथेली
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली

कहा हू मैं तो यहा हू बस मैं तो यही हू
ना जाने दिल है कही मेरा और मैं कही हू
ना ऐसी सोनी हू मैं ना मैं इतनी हसीन हू
के देखु दर्पण तो लगता है ये मैं नही हू
ओये ओये कोई देखे मेरी ये हथेली
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली

ये दिन है छोटे छोटे तो बड़ी लंबी लंबी राते
अर्रे लो सावन से पहले होने लगी बरसाते
किसी से होने लगी है सपनो मे मुलाक़ाते
ओ जाओ मुझको सिख़ाओ ना तुम ऐसी वैसी बाते
तुम दोनो ने मिलके जान मेरी ले ली
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली
तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम
तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम

ओ देखो कोई तस्वीर नही ये एक पैगाम है
किसी ने दूर से भेजा तुम सब को सलाम है
बड़ी ही प्यारी सी सूरत बड़ा प्यारा प्यारा नाम है
दिलो को मेल करना अच्छे दोस्तो का काम है
तुम मे से एक है दुल्हन वो नवेली
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली
एलि रे एलि क्या है ये पहेली
ऐसा वैसा कुछ क्यू होता है सहेली
तू रु रूम तू रु रूम तू रु रूम
तू रु रूम तू रु रूम

Written by:
Anand Bakshi, Anu Malik

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Alka Yagnik, Kavita Krishnamurthy, Udit Narayan, Hema Sardesai and Subramanium

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