Kundan Lal Saigal - Hat Gayi Lo Kaali Ghata
हट गयी लो कारी घटा
छिटक रहे तारे
छिटक रहे तारे
हट गयी लो कारी घटा
छिटक रहे तारे
छिटक रहे तारे
मन की उमग तराज कड़ी
अखियाँ की ज्योत बढ़ी
मन की उमग तराज कड़ी
अखियाँ की ज्योत बढ़ी
प्रेम लगन से लौ उठि
प्रेम लगन से लौ उठि
बुझे दीये बारे
हट गयी लो कारी घटा
छितका रहे तारे
छितका रहे तारे
डूबी अस फिर से फिरि
जल में जैसे जल की पारी
डूबी अस फिर से फिरि
जल में जैसे जल की पारी
सोती ज्योत जाग गई जाग गई
सोती ज्योत जाग गई
सोती ज्योत जाग गई
दिन फिरे हमारे
हट गयी लो कारी घटा
छिटक रहे तारे
छिटक रहे तारे
आजा आजा आजा मेरे पास
तन मन धन सब की आस
डगर पर पात पात
कराती क्यों इशारे
डगर पर पात पात
कराती क्यों इशारे
हट गयी लो कारी घटा
छिटक रहे तारे
छिटक रहे तारे
Written by:
ARZOO LUCKNOWI, R BORAL
Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Raleigh Music Publishing LLC
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