Lata Mangeshkar, Kishore Kumar and Laxmikant Pyarelal - Wo Aisi Koi Baat Jo Kabhi Na
ऐसी कोई बात जो
कभी न सुनी हो
कह दे मेरे कानो में
चुपके से चोरी से
तारों भरी रात में
चलो पहले सुन ले
काहे आसमानों में
चंदा क्या चकोरि से
ऐसी कोई बात जो
कभी न सुनी हो
कह दे मेरे कानो में
चुपके से चोरी से
ऐसी कोई बात
होंठो पे मेरी सांसें
रुकने लगी हैं
होंठो पे मेरी सांसें
रुकने लगी हैं
सपनो से बोझिल पलकें
झुकाने लगी है
इसी तरह नींद
आती है कलियों को
रुत के तरानों में
बहारों की लोरी से
ऐसी कोई बात जो
कभी न सुनी हो
कह दे मेरे कानो में
चुपके से चोरी से
ऐसी कोई बात
कहते है लोग कुछ
फूल नहीं खिलते
कहते है लोग कुछ
फूल नहीं खिलते
ऐसे जैसे दिन और
रात नहीं मिलते
दिन और रात यूँ
मिलते है चुपके
जैसे खलियानो में
पिया मिले गोरी से
तारों भरी रात में
चलो पहले सुन ले
काहे आसमानों में
चंदा क्या चकोरि से
ऐसी कोई बात
मैं तोह चली आयी
किया तूने इशारा
मैं तोह चली आयी
किया तूने इशारा
होगा क्या जो मैंने
तुझको पुकारा
जब करो याद मैं
खिंचा चला औ
बँधा अरमानो में
नज़रों की डोरी से
ऐसी कोई बात जो
कभी न सुनी हो
कह दे मेरे कानो
में चुपके से चोरी से
तारों भरी रात
में चलो पहले सुन ले
काहे आसमानों में
चंदा क्या चकोरि से
ऐसी कोई बात
Written by:
ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Publisher:
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