Lata Mangeshkar and अनवर हुसैन - Aadhi Roti Sara Kabab

आदि रोटी सारा कबाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
आदि रोटी सारा कबाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
हाय जैसी बोली वैसा जवाब
बोल री कबूतरी
हाय जैसी बोली वैसा जवाब
बोल री कबूतरी
आदि रोटी सारा कबाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
आदि रोटी सारा कबाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु

अरे ये निखळी दौड़ा मारा था
असली दौड़ा हमसे सुनो
काली एक भैंस थी
काली एक भैंस थी
अंडे पे बैठी थी कल
अब तुम बताओ क्या इसका मतलब असल
कल रात चाँद ऊपर थी काली गता
अंडे की भैंस की तुमने बना दी ग़ज़ल
कल रात चाँद ऊपर थी काली गता
अंडे की भैंस की तुमने बना दी ग़ज़ल
अरे वह
अरे वह
अछा तो शायर भी है जनाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
हाय जैसी बोली वैसा जवाब
बोल री कबूतरी
कु कडु कु

घोडा भी पेअर का लम्बी बेचारे की धूम
चलता है तुम से जैसे अकाल हो घूम
जबाब दो
घोडा पतंग है
दूमढ़ता पतंग गौरि से संजो जी तुम
घोडा पतंग है
दूमढ़ता पतंग गौरि से संजो जी तुम
अरे वह
अरे वह
अरे वह
अरे वह
अछि बोली लाये जनाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
हाय जैसी बोली वैसा जवाब
बोल री कबूतरी

अब हमारे सवाल का जबाब दो
हमने बादाम के अन्दर देखा आदमी
क्या इसका मतलब अब तुम बताओ जी
बोलो बोलो अरे बोलो
सखी सुन री सखी सुन
दिल में बादाम के अन्दर देखा आदमी
ऐसा कही भी तुमने सुना है ऋ
अरे हम बताते है
बादाम आंको तो भी कहते है लोग
इनमे जो जानके दिखे वही आदमी
अरे वह
अरे वह
अरे वह
अरे वह
हर गयी मै तो तुमसे जनम
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
हाय जैसी बोली वैसा जवाब
बोल री कबूतरी कु कडु कु
आदि रोटी सारा कबाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
आदि रोटी सारा कबाब
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु
बोल मेरे मुर्गे कु कडु कु

Written by:
Majrooh Sultanpuri, Roshan Rajesh

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

Lata Mangeshkar and अनवर हुसैन

View Profile