Suresh Wadkar, Lata Mangeshkar and Laxmikant Pyarelal - Mohabbat Hai Kya Cheez
ये दिन क्यों निकालता है
ये रात क्यों होती हैं
ये पीड़ कहाँ से उठती है
ये आँख क्यों रोती है
मुहब्बत है क्या चीज़
मुहब्बत है क्या
चीज़ हम को बताओ
मुहब्बत है क्या
चीज़ हम को बताओ
ये किसने शुरू की
किसने शुरू की
हमें भी सुनाओ
मुहब्बत है क्या
चीज़ हम को बता
ये किसने शुरू
की किसने शुरू की
हमें भी सुनाओ
मुहब्बत है क्या चीज़
मुहब्बत है क्या चीज़
शाम तक था एक भंवरा
फूल पर मंडल रहा
रात होने पर कमल की
पंखडी में बांध था
क़ैद से छूटा सुबह
तो हम ने पूछा क्या हुआ
कुछ न बोला कुछ
न बोलै कुछ न बोला
अपनी धुन में
बस यही गाता रहा
मुहब्बत है क्या
चीज़ हम को बताओ
ये किसने शुरू की
हमें भी सुनाओ
मुहब्बत है क्या चीज़
मुहब्बत है क्या चीज़
दहकता है बदन कैसे
सुलगती हैं ये साँसें क्यों
ये कैसे आग होती है पिघलती
है ये शम्मा क्यों
दहकता है बदन कैसे
सुलगती हैं ये साँसें क्यों
ये कैसे आग होती है
पिघलती है ये शामा क्यों
जल उठी शम्मा तो मचल
कर परवाना आ गया
आग के दामन में
अपने आप को लिपटा दिया
हमने पूछा दूसरे
की आग में रख्खा है क्या
कुछ न बोला कुछ
न बोलै कुछ न बोला
अपनी धुन में बस
यही गाता रहा
मुहब्बत है क्या
चीज़ हम को बताओ
ये किसने शुरू की
हमें भी सुनाओ
मुहब्बत है क्या चीज़
मुहब्बत है क्या चीज़
नशा होता है कैसा
बहकते है क़दम कैसे
नज़र कुछ भी नहीं
आता ये मस्ती कैसी होती है
एक दिन गुज़ारे जो हम
मई कड़े के मोड़ से
एक मई काश जा रहा
था मई से रिश्ता जोड़ के
हमने पूछा किस लिए
तू उम्र भर पीटै रहा
कुछ न बोला कुछ
न बोलै कुछ न बोला
अपनी धुन में बस
यही गाता रहा
मुहब्बत है क्या
चीज़ हम को बताओ
ये किसने शुरू की
हमें भी सुनाओ
मुहब्बत है क्या
चीज़ हम को बताओ
ये किसने शुरू की
हमें भी सुनाओ
मुहब्बत है क्या चीज़
मुहब्बत है क्या चीज़
मुहब्बत है क्या चीज़
Written by:
Laxmikant Pyarelal, Santosh Anand
Publisher:
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