सलमा अघ - Faza Bhi Hai Jawan [I]
फ़ज़ा भी है जवां जवां
हवा भी है रवा रवा
सूना रहा है ये समां
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां
पुकार देख दूर से
वो काफिले बहार के
बिखर गए है रंग से
किसीके इंतज़ार के
लहर लहर के होंठ पर
वफ़ा की है कहानियां
सूना रहा है ये समां
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां
बुझि मगर बुझि नहीं
न जाने कैसी प्यास है
क़रार दिल से आज भी
न दूर है न पास है
ये खेल धुप छाव का
ये पर्वते ये दूरियां
सूना रहा है ये समां
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां
हर एक पल को ढूंढता
हर एक पल चला गया
हर एक पल फिर आप का
हर एक पल मिसाल का
हर एक पल गुज़र गया
बनाके दिल पे इक निशाँ
सूना रहा है ये समां
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां
हवा भी है रवा रवा
सूना रहा है ये समां
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां
Written by:
RAVI, HASAN KAMAAL, Kamaal Hasan
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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