Kishore Kumar and Laxmikant Pyarelal - Mehbooba Meri Mehbooba
महबूबा मेरी मेहबूबा
महबूबा मेरी मेहबूबा
फूल बांकी पारी तेरी जादू भरी
अँखियो में मेरा दिल डूबा
महबूबा मेरी मेहबूबा
महबूबा मेरी मेहबूबा
मौसम की बेटी बहरो की बलि
तू है हसीनो में सबसे निराली
घूँघट नहीं फिर भी दुल्हन लगे
पायल नहीं फिर भी घुंघरू बजे
तू है दुनिया का एक अजूबा
महबूबा मेरी मेहबूबा
हो महबूबा मेरी मेहबूबा
बिजली है तू आजा घर में
चमकना सिखा दो
शोले को आँचल में
छुपके दहकना सिहकाडु
यु निखरुंगा तेरा सबब
लोग ढूंडा करेंगे जवाब
मैंने बंधा है
मैंने बंधा है वो मंसूबा
महबूबा मेरी मेहबूबा
हो महबूबा मेरी मेहबूबा
मेरे दिन रात है तेरे दम से हसि
ये मोहब्बत कभी झूठ कहती नहीं
मैंने लहको दफा देखा ओ दिलरूबा
तेरे गालों से सूरज निकला
तेरे गालों में सूरज डूबा
महबूबा मेरी मेहबूबा
हो महबूबा मेरी मेहबूबा
फूल बांकी पारी तेरी जादू भरी
अँखियो में मेरा दिल डूबा
महबूबा मेरी मेहबूबा
होमेहबूबा मेरी मेहबूबा
मेहबूबा ओ महबूबा
मेहबूबा ओ महबूबा
मेहबूबा ओ महबूबा
मेहबूबा ओ महबूबा
Written by:
LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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