Laxmikant Pyarelal and Suresh Wadkar - Jab Tak Hai Jee Jee Bhar Ke Pee

एक साब मुझ से कहने लग्गे
यार जानी तुम घड़ी सामने रख कर पिया करो
मेरा बीएस चले तो घडी क्या घड़ा सामने रख के पिया करू
क्या बात कही है
अरे इसी लिए तो कहता हु
हाँ जब तक है जी जी भर के पी
जब तक है जी जी भर के पी
जी भर के पी बाबू जी भर के पी
नहीं रहेगा जी तो प्यारे प्यारे
कौन कहेगा पी पी पी पी
जब तक है जी जी भर के पी
जी भर के पी बाबू जी भर के पी
अरे नहीं रहेगा जी तो प्यारे प्यारे
कौन कहेगा पी पी पी पी
जब तक है जी जी भर के पी

सब से सुन्दर फूल गुलाबी होते हैं
सब से सुन्दर फूल गुलाबी होते हैं
अरे सब से अच्छे लोग शराबी होते हैं
वाह वाह वाह वाह वाह वाह
जो ये न जाना वह हैं दीवाना आदमी
मी मी मी जब तक है जी जी भर के पी
जी भर के पी बाबू जी भर के पी

पहले तो दिल में ये आग लगाती हैं
हाँ पहले तो दिल में ये आग लगाती हैं
फिर दिलवालो की ये प्यास बुझाती हैं
रम्भा हर जाए जब अंदर जाए लाल परी
इ इ जब तक है जी जी भर के पी

जिसको मिले शराब वो पानी क्यों पिए
जिसको मिले शराब वो पानी क्यों पिए
पीना है शारब तो पानी क्यों पीये
पीना है शारब तो पानी क्यों पीये
इसका दो जवाब कर ले जनाब
थोड़ी सी
जब तक है जी जी भर के पी
जी भर के पी बाबू जी भर के पी
अरे नहीं रहेगा जी तो प्यारे प्यारे
कौन कहेगा पी पी पी पी
जब तक है जी जी भर के पी
जी भर के पी बाबू जी भर के पी

Written by:
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT KUDALKAR, PYARELAL SHARMA

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Laxmikant Pyarelal and Suresh Wadkar

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