Asha Bhosle and Mohammed Aziz - Main Rahun Tum Raho Doosra Koi Na Ho
ज़िन्दगी की झूमती गाती
बहरो में सनम
ज़िन्दगी की झूमती गाती
बहरो में सनम
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
हो न इनमें गैर की
परछाइयों के भी कदम
हो न इनमें गैर की
परछाइयों के भी कदम
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
तुमको पा के आज हमको
ऐसी ये दुनिया लगी
तुमको पा के आज हमको
ऐसी ये दुनिया लगी
जैसे इस में हम से
पहले ज़िन्दगी कोई न थी
आरज़ू हैं हो कभी
ये प्यार की खुशिया न कम
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
तेरी साँसों पर मेरा हक़
आखिरी दम तक रहे
तेरी साँसों पर मेरा हक़
आखिरी दम तक रहे
तू किसी भी और का है
ये न कोई कहे सके
चाहे तो सो बार ले हम
फिर से दुनिया में जनम
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
तुमसे अच्छा कोई कुदरत
का नजारा अब नहीं
तुमसे अच्छा कोई कुदरत
का नजारा अब नहीं
एक पल तुमसे जुदा रहना
गवारा अब नहीं
बस तुम्ही तुम हो मेरी
आँखों में आँखों की कसम
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
ज़िन्दगी की झूमती गाती
बहरो में सनम
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
मैं रहूँ तुम रहो
दूसरा कोई न हो
Written by:
S. H. BIHARI, LAXMIKANT KUDALKAR, SHARMA PYARELAL
Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group
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