Asha Bhosle and Suresh Wadkar - Ye Hawayen Sard Sard Hai
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
क्यूँ दिलो में गर्मिया
या इलाही यह माजरा क्या है
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
क्यूँ दिलो में गर्मिया
फिर भी इतनी दूरियां क्यों
फिर भी इतनी दूरियां क्यों
दो दिलों के दर्मिया
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
हवाओ के क्या क्या
रूप बदल रहे हैं
जलनेवाले खुद जल रहे हैं
कल थी शोला आज हैं शबनम
यह कैसा अन्दाज़ हैं
यह कैसा अन्दाज़ हैं
मौसम जैसे रंग बदलना
आखिर यह क्या राज़ हैं
आखिर यह क्या राज़ हैं
पत्थर को मोम कर दे
पत्थर को मोम कर दे
मोहब्बत की गर्मिया
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
क्यूँ दिलो में गर्मिया
फिर भी इतनी दूरियां क्यों
फिर भी इतनी दूरियां क्यों
दो दिलों के दर्मिया
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
मोहब्बत में
मेरी जान सब चलता हैं
जलनेवाला कभी
खुद भी जलते हैं
आते जाते यूँ टकराना
कुछ तो बात ज़रूर हैं
कुछ तो बात ज़रूर हैं
कोई न समझे कोई न जाने
दिल को क्या मंज़ूर हैं
दिल को क्या मंज़ूर हैं
क्या जाने कब शुरू हो
क्या जाने कब शुरू हो
यह दिलो की दासता
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
क्यूँ दिलो में गर्मिया
फिर भी इतनी दूरियां क्यों
फिर भी इतनी दूरियां क्यों
दो दिलों के दर्मिया
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
यह हवाएं सर्द सर्द हैं
Written by:
ANJAAN, ANANDJI VIRJI SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find