Kishore Kumar - Simti Si Sharmai Si

सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो
कैसे जहाँ मे समाएगा
इतना हुस्न जो लाई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो

हीरा नज़र चांदी बदन
रेशम हंसी मुखड़ा चमन
कगाल हैं सारे हसी बस
एक तुम्ही रखती हो धन
लुटने का दर हैं घबराई हो
लुटने का दर हैं घबराई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो

जब तक तुम्हे देखा नहीं
ये दिल कभी धड़का नहिआये गये कितने सनम
मैंने मगर पूजा नहीं
तुम दिल की पहली अगड़ाई हो
तुम दिल की पहली अगड़ाई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो

आँखे मिली वादा हुआ कुछ
कह दिया कुछ सुन लिया
ठहरे कहाँ बेताब
दिल कैसे मिले अपना पता
ज़ुल्फ़ों की बदली जब छाई हो
ज़ुल्फ़ों की बदली जब छाई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो
कैसे जहाँ मे समाएगा
इतना हुस्न जो लाई हो
सिमटी सी शरमाई सी
किस दुनिया से तुम आई हो.

Written by:
Azmi Kaifi, Madan Mohan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar

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