Kanwar Ajit Singh - Jhil Mil Jhil Mil [Ajit Singh]
मम मम मम हम्म हम्म हम्म
झील मिल झील मिल आस किरण
गगन में एक नन्हा तारा
झूम उठे पर्बत नदिया
मगन देखके जग सारा
जीना जीना नया सवेरा
आने को है लाल मेरा
चारो तरफ गुलाब खिले
खुशबु ख़ुश्बू हुयी फ़ज़ा
गुण गुण गुण गुण गाती फिर
गुलशन गुलशन बड़े सबा
एक नए युग की सरगम
एक नए युग की कविता
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
सारी कायनात को इंतज़ार हैं
एक बच्चे का
वह काला होगा या गोरा तोह क्या
वह आएगा तोह आंसुओ को
मुस्कानों में बदल देगा
नफरत को प्यार का आँचल देगा
जुंग को अमन की गोद में सुला देगा
रंग और नस्ल का भेद मिटाकर
सारे दुखों को भुला देगा
होगी पूरी मुराद मनन की
हम दोड़नो के जीवन की
खुल जाएँगी रहे सारी
आपस की अपनेपन की
हो ओ हो हो हो हो हो हो हो हो हो
झिलमिल झिलमिल आस किरण
गगन में एक नन्हा तारा
जीना जीना नया सवेरा
आने को हैं लाल मेरा
हो ओ हो हो हो हो हो हो
हम्म हम्म हम्म हम्म
Written by:
AJIT SINGH, VINOD SHARMA
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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