Mohammed Aziz, Kavita Krishnamurthy and Sudesh Bhosle - Aa Idhar Aa Meri Jaan
आ आ आ
होए होए हाय हाय होए होए
आ इधर आ मेरी जान तुझको
आ इधर आ मेरी जान तुझको
मैं जवानी का जलवा दिखा दूं
तू है नाजुक कली आज तुझको
फूल बनकर महेकना सिखा दूं
आ इधर आ मेरी जान तुझको
तौबा बड़ी तेज़्ज़ है आग शबाब की
कहीं जल जाओ न काली हूँ गुलाब की
तौबा बड़ी तेज़्ज़ है आग शबाब की
कहीं जल जाओ न कली हूँ गुलाब क
तो आ इधर आ मेरी जान तुझको
आ इधर आ मेरी जान तुझको
आज छू कर मैं शोला बना दूँ
आग दिल में भड़कने लगी है
खुद जालु और तुझको जला दूं
तो आ इधर आ
आ इधर आ मेरी जान तुझको
हम जिद्हा गुज़रते है
चिलमनें सरकती है
दिल धड़कने लगते है
चूड़ियाँ खनकती है
जिस पे एक नज़र डाले
उसका दिल मचल जाये
इश्क़ में वो गरमी है
हुसैन खुद पिघल जाये
हुसैन खुद पिघल जाये
तो आ मेरी जान लग जा गले से
आ मेरी जान लग जा गले से
तेरी दुनिया को जन्नत बना दूँ
आ इधर आ मेरी जान तुझको
आज छू कर मैं शोला बना दूँ
आ इधर आ
आ इधर आ मेरी जान तुझको
हर गली आज सनम
मेरे ही चर्चे है
हर गली आज संयम
मेरे ही चर्चे है
हर हसीं के लैब पर
मेरे ही किस्से है
मैंने तरसाया है
मेजबीनों को बोहोत
मैंने तड़पाया है
नज़मीनों को बोहोत
मैंने तड़पाया है
नज़मीनों को बोहोत
मस्त हो कर तुझे मस्त कर दूं
मस्त हो कर तुझे मस्त कर दूं
बिन पिए मैं बहकना सिखा दूं
आ इधर आ मेरी जान तुझको
मैं जवानी का जलवा दिखा दूं
आ इधर आ
आ इधर आ मेरी जान तुझको
इश्क़ बातो का ऐतबार नहीं
यह किसीका जहाँ में यार नहीं
वादा करके यह भूल जाएगा
लौट कर ये कभी न आएगा
एक बेवफा भँवरा है ये
आज इस कलि कल उस कली
हरजाई है यह बेवफा
आज इस गली कल उस गली
पक्का नहीं ये बात का
दोस्त है ये एक रात का
एक शोला है और एक बिजली
एक शोला है और एक बिजली
इसके कदमों में
दिल को लूटा दूँ
जान मुश्किल में है आज मेरी
जान मुश्किल में है आज मेरी
किसको अपनौ किसको भुलाऊ
एक शोला है और एक बिजली
एक शोला है और एक बिजली
मेरी जान देख इधर
मेरी जान देख इधर
मेरी जान इधर इधर
मेरी जान इधर इधर
इधर इधर इधर इधर
इधर इधर इधर इधर
Written by:
HASAN KAMAAL, LAXMIKANT SHANTARAM KUDALKAR, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Publisher:
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