Ustad Ali Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन - Achha Yeh Mohabbat Ka Asar Dekh Raha Hoon

अच्छा ये मोहब्बत का
असर देख रहा हूँ
अच्छा ये मोहब्बत का
असर देख रहा हूँ
अच्छा ये मोहब्बत का
असर देख रहा हूँ
तुम ही नज़र आते हो
तुम ही नज़र आते हो
जिधर देख रहा हूँ
अच्छा ये मोहब्बत का
असर देख रहा हूँ

काबे की ज़रूरत है
ना बूटखने की ख्वाहिश
काबे की ज़रूरत है
ना बूटखने की ख्वाहिश
काबे की ज़रूरत है
ना बूटखने की ख्वाहिश
काबे की ज़रूरत है
ना बूटखने की ख्वाहिश
जिस सिम दिखाते हो
उधर देख रहा हूँ
जिस सिम दिखाते हो
उधर देख रहा हूँ
तुम ही नज़र आते हो
तुम ही नज़र आते हो
जिधर देख रहा हूँ
अच्छा ये मोहब्बत का
का असर देख रहा हूँ

यह है कशिशे हुस्न
के है हसरत दीदार
यह है कशिशे हुस्न
के है हसरत दीदार
ताक़त नहीं बाकी है
मगर देख रहा हूँ
ताक़त नहीं बाकी है
मगर देख रहा हूँ
तुम ही नज़र आते हो
तुम ही नज़र आते हो
जिधर देख रहा हूँ
अच्छा ये मोहब्बत का
का असर देख रहा हूँ

कम कम सा हुआ जाता
है तारो का जालकना
कम कम सा हुआ जाता
है तारो का झलकना
कम कम सा हुआ जाता
है तारो का झलकना
आने को है पैगाम
शहर देख रहा हूँ
आने को है पैगाम
शहर देख रहा हूँ
तुम ही नज़र आते हो
तुम ही नज़र आते हो
जिधर देख रहा हूँ
अच्छा ये मोहब्बत का
का असर देख रहा हूँ

Written by:
AHMED HUSSAIN, H H SHAH, MOHAMMAD HUSSAIN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Ustad Ali Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन

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