Ustad Ali Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन - Kabhi Yun Bhi Aa

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में
के मेरी नज़र को खबर ना हो
मुझे एक रात नॉवज़ दे
मुझे एक रात नॉवज़ दे
मगर उसके बाद सहेर ना हो
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में

वो बरा रहीं ओ करीम है
वो बरा रहीं ओ करीम है
मुझे यह सिफ़त भी आता करे
वो बरा रहीं ओ करीम है
मुझे यह सिफ़त भी आता करे
तुझे भूलने की दुआ करू
तुझे भूलने की दुआ करू
तो दुआ में मेरी असर ना हो
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में

मेरे बाज़ुव में ताकि ताकि
मेरे बाज़ुव में ताकि ताकि
अभी महने ख्वाब चाँदनी
मेरे बाज़ुव में ताकि ताकि
अभी महने ख्वाब चाँदनी
ना उठे सितारो की पलखी
ना उठे सितारो की पलखी
अभी आहतो का उदार ना हो
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में

कभी दिन की धूप में झूम के
कभी दिन की धूप में झूम के
कभी शब के फूल को चूम के
कभी दिन की धूप में झूम के
कभी शब के फूल को चूम के
यूँ ही साथ साथ चले सदा
यूँ ही साथ साथ चले सदा
कभी ख़तम अपना सफ़र ना हो
मुझे एक रात नॉवज़ दे
मुझे एक रात नॉवज़ दे
मगर उसके बाद सहेर ना हो
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में.

Written by:
DR BASHIR BADR, SUDEEP BANERJEE

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Ustad Ali Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन

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