Ustad Ali Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन - Bol Raha Tha Kal Woh Mujh Se
बोल रहा था कल वो मुझ से
बोल रहा था कल वो मुझ से
बोल रहा था कल वो मुझ से
बोल रहा था बोल रहा था
बोल रहा था बोल रहा था
बोल रहा था कल वो मुझ से
हाथ मेरा हाथ लिए
चलते रहेंगे दुख सुख के हम
चलते रहेंगे दुख सुख के हम
सारे मौसम साथ लिए
बोल रहा था कल वो मुझ से
उसने अपनी झोली से कल
प्यार के हम को फूल दिए
उसने अपनी झोली से कल
प्यार के हम को फूल दिए
लॉआट आए हैं दामन भर के
लॉआट आए हैं दामन भर के
उसकी ये सोघट लिए
बोल रहा था कल वो मुझ से
रंग डालो तंन मॅन की बाघियाँ
फघून बन कर आ जाओ
रंग डालो तंन मॅन की बाघियाँ
फघून बन कर आ जाओ
बरस पदो दिल के आँगन में
बरस पदो दिल के आँगन में
रंगो की बरसात लिए
बोल रहा था कल वो मुझ से
हुँने अपनी सारी
श्यामे लिखड़ी उनके क़ातिल
हुँने अपनी सारी
श्यामे लिखड़ी उनके क़ातिल
उमरा का लम्हा लम्हा बीता
उमरा का लम्हा लम्हा बीता
उनको अपने साथ लिए
बोल रहा था कल वो मुझ से
हाथ मेरा हाथ लिए
चलते रहेंगे दुख सुख के हम
सारे मौसम साथ लिए
बोल रहा था कल वो मुझ से
Written by:
AHMED HUSSAIN, MOHAMMAD HUSSAIN, QATEEL RAJASTHANI
Publisher:
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