Ustad Ali Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन - Maikhane Mein Baithe Hain

मैखने में बैठे हैं
और मई को तरसते हैं
मैखने मैखने मैखने
मैखने में बैठे हैं
और मई को तरसते हैं
महॉल हैं फूलो का
महॉल हैं फूलो का
पत्थर से बरसते हैं
मैखने में बैठे हैं
और मई को तरसते हैं

दीवानो की नागरी में
खुशियाँ ही बस्ते हैं
दीवानो की नागरी में
दीवानो की नागरी में
खुशियाँ ही बस्ते हैं
रखते हैं ताल्लुक भी
आवाज़ भी दस्ते हैं
रखते हैं ताल्लुक भी
आवाज़ भी दस्ते हैं
महॉल हैं फूलो का
महॉल हैं फूलो का
पत्थर से बरसते हैं
मैखने में बैठे हैं
और मई को तरसते हैं

तुम अंजुमना राहो
तुम अंजुमना राहो
तुम जानो तो क्या जानो
तुम अंजुमना राहो
तुम जानो तो क्या जानो
ना हो के तरह घूम भी
तन्हाई के दस्ते हैं
ना हो के तरह घूम भी
तन्हाई के दस्ते हैं
महॉल हैं फूलो का
महॉल हैं फूलो का
पत्थर से बरसते हैं
मैखने में बैठे हैं
और मई को तरसते हैं

हम एहले जुनून ठहरे
बैरो हमारी तो
हम एहले जुनून ठहरे
हम एहले जुनून ठहरे
हम एहले जुनून ठहरे
बैरो हमारी तो
कुच्छ और ही मंज़िल हैं
कुच्छ और ही रास्ते हैं
कुच्छ और ही मंज़िल हैं
कुच्छ और ही रास्ते हैं
महॉल हैं फूलो का
महॉल हैं फूलो का
पत्थर से बरसते हैं
मैखने में बैठे हैं
और मई को तरसते हैं
और मई को तरसते हैं
और मई को तरसते हैं

Written by:
AHMED HUSSAIN, MOHAMMAD HUSSAIN, MOHAMMED ALI MAUJ

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Ustad Ali Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन

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