सुरैया and Mohammed Rafi - Sham - E - Bahar Aai Karke Singaar

शामे बहार आयी
कर के सिंगार अयी
खाबों के हार लायी
अब्रे बहार छाया
पैगाम-इ-यार लाया
दिल को करार आये
शामे बहार आयी
कर के सिंगार अयी
खाबों के हार लायी
आया ख़ुशी का ज़माना
उल्फत ने छेड़ा तराने
होंठो पे दिल की है बातें
आयी मुहब्बत की रातें
झुकाने लगी क्यूँ
निगाहें निगाहें
दिल से मिली दिल की राहें रहे
उनका पयाम आया
दिल का सलाम आया
होंठो पे नाम-इ-खुदा
किस का यह नाम आया
आ आ आ आ
शामे बहार आयी
कर के सिंगार अयी
खाबों के हार लायी
अब्रे बहार छाया
पैगाम-इ-यार लाया
दिल को करार आये
उठेगी पलकों की चिलमन
पडेगा उल्फत का दामन
दिलों के गुन्चे खिलेंगे
मेरे मसीहा मिलेंगे
कमी है दर्द-इ-जिगर
में जिगर में
हसते है अरमान
नजर में नजर में
उनका पयाम आया
दिल का सलाम आया
होंठो पे नाम-इ-खुदा
किस का यह नाम आया
आ आ आ आ
शामे बहार आयी
कर के सिंगार अयी
खाबों के हार लायी
अब्रे बहार छाया
पैगाम-इ-यार लाया
दिल को करार आये

Written by:
Bhagatram, Husnalal, Majrooh Sultanpuri

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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सुरैया and Mohammed Rafi

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