Hemant Kumar - Jaise Pani Chhupa Ghata Men

जैसे पानी च्छूपा घटा मे
तुज़मे च्छूपा हुआ हूँ मई
मुझको ढूँडने वाले
तेरे दिल मे बसा हुआ हूँ मई
जैसे पानी च्छूपा घटा मे
तुज़मे च्छूपा हुआ हूँ मई
मुझको ढूँडने वाले
तेरे दिल मे बसा हुआ हूँ मई

खोल के अंखिया नींद के मेट
मुड़कर भी तो देख ज़रा
खोल के अंखिया नींद के मेट
मुड़कर भी तो देख ज़रा
साया बनकर तेरे पिच्चे
कब से लगा हुआ हू मई
मुझको ढूँडने वेल
तेरे दिल मे बसा हुआ हू मई
जैसे पानी च्छूपा घटा मे
तुज़मे च्छूपा हुआ हू मई
मुझको ढूँडने वेल
तेरे दिल मे बसा हुआ हू मई

व्याकुल मन क्यू भावारा बनकर
बगिया बगिया मंडलाए
व्याकुल मन क्यू भावारा बनकर
बगिया बगिया मंडलाए
तेरी अपनी फुलवारी मे
पगले खिला हुआ हू मई
मुझको ढूँडने वाले
तेरे दिल मे बसा हुआ हू मई
जैसे पानी च्छूपा घटा मे
तुज़मे च्छूपा हुआ हू मई
मुझको ढूँडने वाले
तेरे दिल मे बसा हुआ हू मई
मुझको ढूँडने वाले
तेरे दिल मे बसा हुआ हू मई
मुझको ढूँडने वाले
तेरे दिल मे बसा हुआ हू मई

Written by:
Rajendra Krishan

Publisher:
Lyrics © DISTROMACHINE PUBLISHING

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Hemant Kumar

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