Suman Kalyanpur and Mohammed Rafi - Main Is Masoom Chehre Ko
मैं इस मासूम चेहरे को
अगर च्छू लू तो क्या होगा
मैं इस मासूम चेहरे को
अगर च्छू लू तो क्या होगा
अरे पागल वही होगा
जो मंजूरे खुदा होगा
मैं इस मासूम चेहरे को
अगर च्छू लू तो क्या होगा
गुलाबी होत नाज़ुक से
ये कला तिल है या कातिल
ये माना ज़ूलफे नागिन है
मगर है प्यार के कर
अगर बिजली निगाहो की गिरे दिल पर
तो क्या होगा
अरे पागल वही होगा
जो मंजूरे खुदा होगा
मैं इस मासूम चेहरे को
अगर च्छू लू तो क्या होगा
बहारो मे खरारत है
नॅज़ारो मे है तीखापन
ये क्या होने लगा मुझको
ये ट्यूफा तो है उलझन
शरारत है हवओ मे
उड़ा आँचल तो क्या होगा
अरे पागल वही होगा
जो मंजूरे खुदा होगा
मैं इस मासूम चेहरे को
अगर च्छू लू तो क्या होगा
ये बिखरे से ख़यालो का
सिमटना है बड़ा मुश्किल
फुलो का खुद भी कंतो से
लिपटना है बड़ा मुश्किल
बना लो आशिया अपना
जो कंतो मे तो क्या होगा
अरे पागल वही होगा
जो मंजूरे खुदा होगा
मैं इस मासूम चेहरे को
अगर च्छू लू तो क्या होगा.
Written by:
BIPIN, NOOR DEWASI
Publisher:
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