Kishore Kumar and Sachin Gupta - Musafir Hoon Yaron [Lofi]

मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
हम्म हम्म हे
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना

मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना

एक राह रुक गयी तो और जुड गयी
मैं मुड़ा तो साथ साथ राह मुड़ गयी
एक राह रुक गयी तो और जुड गयी
मैं मुड़ा तो साथ साथ राह मुड़ गयी
हवा के परों पर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना

दिल ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
दिल ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना

Written by:
GULZAR, RAHUL DEV BURMAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar and Sachin Gupta

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