Talat Mahmood, सी रामचंद्रा, Francis Vaz and Mohammed Rafi - Surat Ho To Aisi Ho

ज़ुल्फ़ है दोष पे या सांप है बलखाया हुआ
चाल जैसे मोर कोई रक्स में आया हुआ
ए दिल की दुश्मन है ये आँखों के गुलाबी डोरे
बच के जाएगा कहां चोट कोई खाया हुआ
एक नज़र में दिल ले जाए
एक नज़र में दिल ले जाए
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
देख जिसे चंदा शरमाये
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो

एक एक आंख तेरी पुरे सवा लाख दी है ओ
ज़िन्दगी सारी तेरे अग्गे फ़क़त ताख दी है ओ
सोदियाँ जाग दियां होठों पे नाम है तेरा ओ
ओ सोनियो तीसरी बार तेरी गली का आज फेरा है
अरे देख के मुंह से निकले हाय
अरे देख के मुंह से निकले हाय
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
एक नज़र में दिल ले जाए
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
देख जिसे चंदा शरमाये
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो

एक नज़र में दिल ले जाए
एक नज़र में दिल ले जाए
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
एक नज़र में दिल ले जाए
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
देख जिसे चंदा शरमाये
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
हाय रे हाय रे
बात चालत है ठुमक ठुमक था थाई
बात चालत है ठुमक
ठुमक क्यूँ गोपी बृंदाबन की
जो देखैत सो सुध बुध
भूलत पल छिन में तन मन की
ये दो नैना माध के प्याले
केश ये घूंघर वाले अरे रूप दास आया है
ले के अभिलाशा दर्शन की
अंग अंग बिजली लहराये
अंग अंग बिजली लहराये
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
एक नज़र में दिल ले जाए
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो
देख जिसे चंदा शरमाये
सूरत हो तो ऐसी हो
सूरत हो तो ऐसी हो

Written by:
C Ramchandra, Rajinder Krishnan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Talat Mahmood, सी रामचंद्रा, Francis Vaz and Mohammed Rafi

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