Lata Mangeshkar, Mukesh and Khayyam - Kabhi Kabhi Mere Dil Mein Khayal Aata Hai - Live

कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये
के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये
तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये

कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
के ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
के ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
ये गेसुओं की घनी छाँव हैं मेरी ख़ातिर
ये गेसुओं की घनी छाँव हैं मेरी ख़ातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं

कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
के जैसे बजती है शहनाई सी राहो मैं
के जैसे बजती हैं शहनाइयां सी राहों में
सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में
सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
के जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूँही
के जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूँही
उठेगी मेरी तरफ़ प्यार की नज़र यूँही
मैं जानता हूँ के तू ग़ैर है मगर यूँही
मैं जानता हूँ के तू ग़ैर है मगर यूँही
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में, ख़याल आता है

Written by:
Khaiyyaam, Sahir

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar, Mukesh and Khayyam

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