Mahendra Kapoor and Kalyanji Anandji - Ramchandra Kah Gaye

हे रामचद्रा कहा गये सियासे
हे रामचद्रा कहा गये सियासे
ऐसा कलाजुगा आएगा
हसा चूगेगा दाना दुँका
हसा चूगेगा दाना दुँका
कौव्वा मोटी खाएगा
हे जी रे हे जी रे

सियाने पुच्छा
कलाजुगामे धरम
करमको कोई नही मानेगा
तो प्रभु बोले

धरम भी होगा करम भी होगा
धरम भी होगा करम भी होगा
परतू शरमा नही होगी
बाटा बाटा परा माता पीताको
बाटा बाटा परा माता पीताको
लड़का आनखा दिखाएगा
हे रामचद्रा कहा गये सियासे

राजा और प्रजा दोनोमे
होगी निसादिना खिचाटानी
खिचाटानी
कदमा कदमा परा करेगे
दोनो अपनी अपनी
माना मानी माना मानी
जिसके हाथ मे होगी लाठी
जिसके हाथ मे होगी लाठी
भैसा वही ले जाएगा
हसा चूगेगा दाना दुँका
हसा चूगेगा दाना दुँका
कौव्वा मोटी खाएगा
हे रामचद्रा कहा गये सियासे

सुनो सिया कलाजुगामे काला
धना और काले माना होंगे
काले माना होंगे
छोरा उचक्के नागरा सेठा और
प्रभु भक्ता निर्धना होंगे
निर्धना होंगे
जो होगा लोभी और भोगी
जो होगा लोभी और भोगी
वो जोगी कहलाएगा
हसा चूगेगा दाना दुँका
हसा चूगेगा दाना दुँका
कौव्वा मोटी खाएगा
हे रामचद्रा कहा गये सियासे

मदिरा सुना सुना होगा
भारी रहेगी मधुशाला
मधुशाला
पीताके सागा सागा भारी
सभामे नाचेगी घराकी
बाला घराकी बाला
कैसा कणयादाना बिदाही
कैसा कणयादाना बिदाही
कन्याका धना खाएगा
हसा चूगेगा दाना दुँका
हसा चूगेगा दाना दुँका
कौव्वा मोटी खाएगा
हे रामचद्रा कहा गये सियासे
हे रामचद्रा कहा गये सियासे
ऐसा कलाजुगा आएगा
हसा चूगेगा दाना दुँका
हसा चूगेगा दाना दुँका
कौव्वा मोटी खाएगा
हे जी रे हे जी रे

मूरखकी प्रीता
बुरी जुएकी जीता बुरी
बुरे सागा बैठा बैठा
भागे ही भागे
भागे ही भागे
काजलकी कोठारी मे
कैसेही जताना करो
काजलका दागा भा लागे ही लागे
काजलका दागा भा लागे ही लागे

कितना जाती हो कोई कितना सती हो कोई
कामानिके सागा कामा जागे ही जागे
सुनो कहे गोपी रामा
जिस का है रामधामा
उसका तो फादा गले लागे ही लागे
उसका तो फादा गले लागे ही लागे
हे जी रे हे जी रे

Written by:
ANANDJI KALYANJI, Rajinder Krishnan, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH, RAJINDER KRISHAN

Publisher:
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Mahendra Kapoor and Kalyanji Anandji

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