Mukesh, Lata Mangeshkar and Kalyanji Anandji - Main Hoon Mast Madari
मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
बिना तीर दिल घायल कर दूं, ऐसा मैं हूं शिकारी
बिना तीर दिल घायल कर दूं, ऐसा मैं हूं शिकारी
हो मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
खेल खेल में मेल हो दिल का ऐसा खेल दिखाउ
नजरो की मैं दो फेंक कर तेरा दिल उठाउ
खेल खेल में मेल हो दिल का ऐसा खेल दिखाउ
नजरो की मैं दो फेंक कर तेरा दिल उठाउ
पागल को पागल पहचानने जाने नहीं अनादि
हो मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
बिना तीर दिल घायल कर दूं, ऐसा मैं हूं शिकारी
हो माई हु मदारी मैं हु मस्त मदारी
छुपाने वाले छूकर आते छूकर करे इशारा
लेकिन दर्द छुपाए कैसे तीर-ए-नजर का मारा
छुपाने वाले छूकर आते छूकर करे इशारा
लेकिन दर्द छुपाए कैसे तीर-ए-नजर का मारा
एक अदा पे हम करते करबन ये दुनिया सारी
हो मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
हो मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
बिना तीर दिल घायल कर दूं, ऐसा मैं हूं शिकारी
हो मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
जमीन पे चांद का नूर देखो
ये बत्रे की हुर देखो
आया आया सलाम मेरे यार का
आया आया सलाम मेरे यार का
अब नहीं गम शब-ए-इंतज़ार का
अब नहीं गम शब-ए-इंतज़ार का
या हबीबी या हबीबी या हबीबी
हो मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
देखो राजस्थानी पानी आई छम छम करती जवानी
आज माहे आज माहे आज माहे
देवर ले ले आओ रे
सावनिया मन भयो रे भयो रे
सासरिया जाऊं हुड पिहारे की आवे रे
सासरिया जाऊं हुड पिहारे की आवे रे
हो मैं हु मस्त मदारी, मैं हु मस्त मदारी
बिना तीर दिल घायल कर दूं, ऐसा मैं हूं शिकारी
हो माई हु मस्त मदारी, हो माई हु मस्त मदारी
Written by:
ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH, PT. MADHUR
Publisher:
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