Mohammed Rafi, Talat Mahmood, Bhupinder Singh and Manna Dey - Hoke Majboor Mujhe
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
ज़हर चुपके से दवा जानके खाया होगा
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
होके मजबूर मुझे
दिल ने ऐसे भी कुछ अफ़साने सुनाए होंगे
दिल ने ऐसे भी कुछ अफ़साने सुनाए होंगे
अश्क़ आँखों ने पिये और न बहाए होंगे
बन्द कमरे में जो खत मेरे जलाए होंगे
एक इक हर्फ़ जबीं पर उभर आया होगा
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
होके मजबूर मुझे
उसने घबराके नज़र लाख बचाई होगी
उसने घबराके नज़र लाख बचाई होगी
दिल की लुटती हुई दुनिया नज़र आई होगी
मेज़ से जब मेरी तस्वीर हटाई होगी
मेज़ से जब मेरी तस्वीर हटाई होगी
हर तरफ़ मुझको तड़पता हुआ पाया होगा
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
होके मजबूर मुझे
छेड़ की बात पे अरमाँ मचल आए होंगे
छेड़ की बात पे अरमाँ मचल आए होंगे
ग़म दिखावे की हँसी ने न छुपाए होंगे
नाम पर मेरे जब आँसू निकल आए होंगे
नाम पर मेरे जब आँसू निकल आए होंगे
सर न काँधे से सहेली के उठाया होगा
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
होके मजबूर मुझे
ज़ुल्फ़ ज़िद करके किसी ने जो बनाई होगी
ज़ुल्फ़ ज़िद करके किसी ने जो बनाई होगी
और भी ग़म की घटा मुखड़े पे छाई होगी
बिजली नज़रों ने कई दिन न गिराई होगी
रँग चहरे पे कई रोज़ न आया होगा
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
ज़हर चुपके से दवा जानके खाया होगा
होके मजबूर मुझे
Written by:
Azmi Kaifi, Madan Mohan
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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