Sunidhi Chauhan and Jatin Pandit - Tan Mein Jalan Kuch
तन में जलन
कुच्छ ऐसी हो गयी
हन टन में जलन
कुच्छ ऐसी हो गयी
मैं तेरे ख्वाबों में
तेरी ही बाहों में
जाने कब सो गयी
तन में जलन
कुच्छ ऐसी हो गयी
तन में जलन
कुच्छ ऐसी हो गयी
हर पल नयी बेखुदी है
उसपे मेरी कमसिनी
मदहोशियों का ये
मौसम उसपे तेरी आशिक़ी
धड़कन गाने लगी
नगमे तेरे सनम
मस्ती छ्चाने लगी
बहके मेरे कदम
तन में जलन
कुच्छ ऐसी हो गयी
तन हाहाहा में जलन
हा हा हा कुच्छ ऐसी हो गयी
अब तेरे बिन एक दिन भी
सदियों सा लगने लगा
तुझसे ही ये पूचछती हूँ
तूने क्या जादू किया
सुन आए जान-ए-वफ़ा
आँचल जो यह ढाला
इसकी क्या है वजह
तुझको है पता
तन … आह हा आ नहां
तन में जलन
कुच्छ ऐसी हो गयी
तन में जलन
कुच्छ ऐसी हो गयी
मैं तेरे ख्वाबों में
तेरी ही बाहों में
जाने कब सो गयी
तन में जलन ऐसी हो गयी
तन में जलन कुच्छ ऐसी हो गयी
Written by:
LALIT PANDIT, PANDIT JATIN, RANI MALIK, SAURABH SHUKLA
Publisher:
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