Altaf Raja - Naye Kapde Badalkar Jaaun
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
और बाल बनौ किस के लिए
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
और बाल बनौ किस के लिए
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
और बाल बनौ किस के लिए
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
और बाल बनौ किस के लिए
और बाल बनौ किस के लिए
और बाल बनौ किस के लिए
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
और बाल बनौ किस के लिए
वो सक़स तो शहेर ही छ्चोड़ गया
वो सक़स तो शहेर ही छ्चोड़ गया
मैं बाहर जौन तो किस के लिए
वो सक़स तो शहेर ही छ्चोड़ गया
मैं बाहर जौन तो किस के लिए
वो सक़स तो शहेर ही छ्चोड़ गया
मैं बाहर जौन तो किस के लिए
वो शहेर में था तो उसके लिए
औरो से भी मिलना पड़ता था
औरो से भी मिलना पड़ता था
औरो से भी मिलना पड़ता था
वो शहेर में था तो उसके लिए
औरो से भी मिलना पड़ता था
वो शहेर में था तो उसके लिए
औरो से भी मिलना पड़ता था
अब ऐसे वैसे लोगो के
अब ऐसे वैसे लोगो के
मैं नाज़ उतोऊ किस के लिए
अब ऐसे वैसे लोगो के
मैं नाज़ उतोऊ किस के लिए
अब ऐसे वैसे लोगो के
मैं नाज़ उतोऊ किस के लिए
कोई बात बनाने वाला नहीं
कोई हाथ मिलाने वाला नहीं
कोई हाथ मिलाने वाला नहीं
कोई हाथ मिलाने वाला नहीं
कोई बात बनाने वाला नहीं
कोई हाथ मिलाने वाला नहीं
कोई बात बनाने वाला नहीं
कोई हाथ मिलाने वाला नहीं
कोई साथ निभाने वाला नहीं
कोई साथ निभाने वाला नहीं
फिर घर को सजाऊँ किसके लिए
कोई साथ निभाने वाला नहीं
फिर घर को सजाऊँ किसके लिए
कोई साथ निभाने वाला नहीं
फिर घर को सजाऊँ किसके लिए
तालाब भी नन्ही पनघट भी नहीं
गोरी भी नहीं घूंघट भी नहीं
गोरी भी नहीं घूंघट भी नहीं
गोरी भी नहीं घूंघट भी नहीं
तालाब भी नन्ही पनघट भी नहीं
गोरी भी नहीं घूंघट भी नहीं
तालाब भी नन्ही पनघट भी नहीं
गोरी भी नहीं घूंघट भी नहीं
मेहबूब की वो चौखट भी नहीं
मेहबूब की वो चौखट भी नहीं
अब गांव में जॉन किसके लिए
मेहबूब की वो चौखट भी नहीं
अब गांव में जॉन किसके लिए
मेहबूब की वो चौखट भी नहीं
अब गांव में जॉन किसके लिए
मुद्दत से कोई आया ना गया
सुनसान पड़ी हैं घर की फ़िज़्ज़ा
सुनसान पड़ी हैं घर की फ़िज़्ज़ा
सुनसान पड़ी हैं घर की फ़िज़्ज़ा
मुद्दत से कोई आया ना गया
सुनसान पड़ी हैं घर की फ़िज़्ज़ा
मुद्दत से कोई आया ना गया
सुनसान पड़ी हैं घर की फ़िज़्ज़ा
इन खाली कमरों में नासिर
इन खाली कमरों में नासिर
अब शम्मा जालौन किस के लिए
इन खाली कमरों में नासिर
अब शम्मा जालौन किस के लिए
इन खाली कमरों में नासिर
अब शम्मा जालौन किस के लिए
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
और बाल बनौ किस के लिए
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
और बाल बनौ किस के लिए
वो सक़स तो शहेर ही छ्चोड़ गया
मैं बाहर जौन तो किस के लिए
वो सक़स तो शहेर ही छ्चोड़ गया
मैं बाहर जौन तो किस के लिए
नये कपड़े बदलकर जौन कहाँ
Written by:
ABBAS DANA, MOHD. SHAFI NIYAZI, NASIR QAZMI
Publisher:
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