Asha Bhosle, Kishore Kumar, Sachin Gupta and Nitish R Kumar - Chalo Kahin Aur Chalte Hain [Lofi]
चलो कहीं और चलते है
चलो कहीं और चलते है
चलो कहीं और चलते है
सुनते है यहाँ छुपके
बाटे लोग जलते है
चलो कहीं और चलते है
है ये जगह खूब है
लेकिन कितनी धूप है
पेड़ के निचे बैठेंगे
अ नहीं दिवार के पीछे बैठे
दीवारों के भी कान होते है
ओ हो आप यु ही बदगुमा होते है
लो तो फिर होगी
कब तक यु तरसाओगे
दो दिल बेक़रार है
मुश्किल इंतज़ार है
मेरा भी ये हाल है
शादी में एक साल है
साल में कितने दिन है
जीतने है तेरे बिन है
यही बातें सोच के तो
दिन रात ढलते है
चलो कहीं और चलते है
ऐसे तुम क्यों खो गए
हम भी दीवाने हो गए
हा ये दीवानापन छोडो
देखो यु दिल न तोड़ो
दिन रात तेरी याद आती है
नींद यहाँ किसे आती है
रुत का प्यार सारा है
मौसम बड़ा प्यारा है
फिर कब मिलने आओगे
जब भी तुम बुलाओगे
कल का वादा कर जाओ
अच्छा अब तुम घर जाओ
जितना वक़्त भी अपना था
कितना सुन्दर सपना था
सपने कभी कभी झुटे निकलते है
चलो कहीं और चलते है
चलो कहीं और चलते है
Written by:
Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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