Lata Mangeshkar - Aaj Koi Nahin Apna
आज कोई नही अपना किसे गम ये सुनाए
तड़प तड़प कर यूँ ही घुट घुट कर
दिल करता है मर जाए
आज कोई नही अपना किसे गम ये सुनाए
तड़प तड़प कर यूँ ही घुट घुट कर
दिल करता है मर जाए
आज कोई नही अपना किसे गम ये सुनाए
सुलग सुलग कर दिन पिघले, दिन पिघले
आँसुओ मे भीगी भीगी रात ढले
सुलग सुलग कर दिन पिघले, दिन पिघले
आँसुओ मे भीगी भीगी रात ढले
हर पल बिखरी तनहाई मे
यादो की शमा मेरे दिल मे जले
तुम ही बतला दो हमे
हम क्या जतन करे ये शमा कैसे बुझाए
आज कोई नही अपना किसे गम ये सुनाए
ना हमसफ़र कोई ना कारवा, ना कारवा
ढूँढे कहाँ तेरे क़दमो के निशान
ना हमसफ़र कोई ना कारव, ना कारवा
ढूँढे कहाँ तेरे क़दमो के निशान
जब से छूटा साथ हमारा
बन गई साँसे बोझ यहाँ
बिछड़ गए जो तुम
किस लिए माँगे हम फिर जीने की दुआए
आज कोई नही अपना किसे गम ये सुनाए
तड़प तड़प कर यूँ ही घुट घुट कर
दिल करता है मर जाए
आज कोई नही अपना किसे गम ये सुनाए
Written by:
Yogesh, Salil Chowdhury
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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