Gulzar - Aao Phir Nazm Kahein
आओ फिर नज़्म कहें
आओ फिर नज़्म कहें
फिर किसी दर्द को सहलाकर सुजा ले आँखें
फिर किसी दुखती हुई रग से छुपा दें नश्तर
या किसी भूली हुई राह पे मुड़कर एक बार
नाम लेकर किसी हमनाम को आवाज़ ही दें लें
फिर कोई नज़्म कहें
Written by:
GULZAR
Publisher:
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