Ahmed Hussain and Mohammad Hussain - Aasman Ki Pari

आसमान की पारी सी लगती हो
आसमान की पारी सी लगती हो
तुम मुझे ज़िंदगी सी लगती हो
तुम मुझे ज़िंदगी सी लगती हो
आसमान की पारी सी लगती हो

फूल भी सजदे करते हों जिसको
फूल भी सजदे करते हों जिसको
ऐसी दिलकश काली सी लगती हो
ऐसी दिलकश काली सी लगती हो
तुम मुझे ज़िंदगी सी लगती हो
तुम मुझे ज़िंदगी सी लगती हो

खुसबू दिल की ज़ामी से आती हैं
खुसबू दिल की ज़ामी से आती हैं
तुम्ही यूयेसेस पर चली सी लगती हो
तुम्ही इश्स पर चली सी लगती हो
तुम मुझे ज़िंदगी सी लगती हो
आसमान की पारी सी लगती हो

सादगी का सरापाओ पे कर
सादगी का सरापाओ पे कर
और फिर भी सजी सी लगती हो
और फिर भी सजी सी लगती हो
तुम मुझे ज़िंदगी सी लगती हो
आसमान की पारी सी लगती हो

Written by:
HARSH BRAHMBHAAT, MOHAMMAD HUSSAIN, USTAD AHMED HUSSAIN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Ahmed Hussain and Mohammad Hussain

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