Kishore Kumar and Lata Mangeshkar - Ab Ke Sawan Mein Jee Dare
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
ऐसा मौसम पहले कभी भी आया नहीं
ऐसा बादल अम्बर पे सजना छाया नहीं
ऐसा मौसम पहले कभी भी आया नहीं
ऐसा बादल अम्बर पे सजना छाया नहीं
ओ ये सुहाना शमा प्रेम की खोज में मौज में
हो हो पागल प्रेमी बन के फिरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
आ तुझको आँखो में छुपा लूँ इस रात में
कजरा गजरा बह जायेगा ये बरसात में
हो हो आ तुझको आँखो में छुपा लूँ इस रात में
कजरा गजरा बह जायेगा ये बरसात में
ओ होश से काम लो राम का नाम लो थाम लो
जाने बैरन रुत क्या करे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
मन में लगे आग सी
मन में लगे आग सी
Written by:
ADI-CRISTIAN COLCERU, ANANDSHI BAKSHI, R D Burman
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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