Jagjit Singh - Admi Aadmi Ko Kya Dega

आदमी आदमी को क्या देगा
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा वहीं ख़ुदा देगा (वाह,वाह)

मेरा क़ातिल ही मेरा मुन्सिफ़ हैं
मेरा क़ातिल ही मेरा मुन्सिफ़ हैं
मेरा क़ातिल
क़ातिल, क़ातिल, क़ातिल
क़ातिल, क़ातिल, क़ातिल (वाह,वाह)
मेरा क़ातिल ही मेरा मुन्सिफ़ हैं
मेरा क़ातिल ही मेरा मुन्सिफ़ हैं
मेरा क़ातिल ही मेरा मुन्सिफ़ हैं
क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा
क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा वहीं ख़ुदा देगा

ज़िन्दगी को क़रीब से देखो
ज़िन्दगी को,ओ ओ ओ ओ
ज़िन्दगी को क़रीब से देखो
ज़िन्दगी को क़रीब से देखो
ज़िन्दगी को क़रीब से देखो
इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा (वाह)
इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा वहीं ख़ुदा देगा

हमसे पूछो ना दोस्ती का सिला
हमसे पूछो ना दोस्ती का सिला
हमसे पूछो ना दोस्ती का सिला
हमसे पूछो ना दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा
आदमी आदमी को क्या देगा
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा वहीं ख़ुदा देगा

Written by:
JAGJIT SINGH, SUDARSHAN FAAKIR

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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