Epr Iyer - Agneepath

आ आ आ ना ना ना नी नी ना ना नी सा

कहानी सहन शांता की भी ऐसी एक
भारतीय जन्मस्थानदिल्ली में
परिवार मध्यम उन्निसो नब्बे सपने कामयाबी के
२००५ साल १५ दुगनी उमरा का कोई सिरफिरा
कारण नकारे जाने के जो शादी के प्रस्ताव को लेके
दोस्तों के साथ ख़ान मार केट पे तेज़ाब उछाले मू पे
लक्ष्मी ज़ख़्मी तक़दीर ऐसी चमड़ी शरीर की पिघल
खुशुमा खूबसूरत चेहरा दिन दहाड़े बेज़ार में बदल
गाड़ियों से टक्कर सड़क पे रोटी हुई पिता से लिपट कर
जब सील रही थी आँखें थी होश में किस्मेट को कोसते
बक्ष दिया खुदा ने जीवन पर किस गुनाह की सज़ा मिले
काबिल ए खर्च के बाहर सर्जरी पे सर्जरी रिकवरी
गवई पाई पाई कमाई ज़िंदगी की डरती आईनों से देखो फिर भी
तू ना रुकेगी कभी
तू ना थामेगी कभी
तू ना मुडेगी कभी
कर शपत कर शपत
अग्निपथ अग्निपथ
तू ना रुकेगी कभी
तू ना थामेगी कभी
तू ना मुडेगी कभी
कर शपत कर शपत
अग्निपथ अग्निपथ
पहला सबसे बड़ा संगर्श आरोपियों को सालों अंदर तू
किया दर्ज पिल हाइ कोर्ट में साल थी वो दो शून्या शून्या छाई
खुले आम आसिड की बिक्री पर मौजूदा क़ानून में संशोधन
सालो तक लदी कड़ी टक्कर परिवार संभाला कभी सिलाई
कभी वो बनाकर ब्यूटीशियन महएनेट आजीवन की
भाई की लंग्ज़ बी Beautician मारी पिता की मृत्यु भारी जारी जुंग
दरकिनार विचारों को परंपरागत
आगे वो पुरस्कार Michelle Obama से, foundation छाँव NGO
अब बन रही है उसपर मोविए तो सारी दुनिया जानेगी
पर क्या हम इतने अंधे और Heroes need आ silver screen
कॉम ना बनी होती तो मेरी कॉम कौन
और जिनकी picture ना बनी, forgotten long gone sing
तू ना रुकेगी कभी (तू ना रुकेगी कभी)
तू ना थामेगी कभी (तू ना थामेगी कभी)
तू ना मुडेगी कभी (तू ना मुडेगी कभी)
कर शपत कर शपत
अग्निपथ अग्निपथ
तू ना रुकेगी कभी (तू ना रुकेगी कभी)
तू ना थामेगी कभी (तू ना थामेगी कभी)
तू ना मुडेगी कभी (तू ना मुडेगी कभी)
कर शपत कर शपत
अग्निपथ अग्निपथ
कर शपत कर शपत
अग्निपथ अग्निपथ
कर शपत कर शपत
अग्निपथ अग्निपथ
आ आ आ ना ना ना नी नी ना ना नी सा

Written by:
Santhanam Srinivasan

Publisher:
Lyrics © O/B/O DistroKid

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