Jagjit Singh - Baazeecha-E-Atfal Hai
बाज़ीचा ए अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शबो रोज़ तमाशा मेरे आगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
होता है निहां गर दुयें सहरा मेरे होते
भीसता है जब ये खाक दरिया मेरे आगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख के क्या रंग तेरा मेरे आगे
बाज़ीचा ए अतफ़ाल है दुनियां मेरे आगे
होता है शबो रोज़ तमाशा मेरे आगे
बाज़ीचा ए अतफ़ाल है
इमां मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
इमां मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
ताबा मेरे पीछे कली सा मेरे आगे
बाज़ीचा ए अतफ़ाल है
गोहात को जुम्बिशल नहीं आँखों में तो दम है
गोहात को जुम्बिशल नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे बाज़ीचा ए अतफ़ाल है
दुनियां मेरे आगे होता है सबों रोज़ तमाशा मेरे आगे
बाज़ीचा ए अतफ़ाल है
म्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
म्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
म्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
म्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
Written by:
JAGJIT SINGH
Publisher:
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