Asha Bhosle and Usha Mangeshkar - Aise Danton Men Ungli Dabao Nahin
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
कोई सपनो में आता रहा रात भर
कोई सपनो में आता रहा रात भर
न मैं सोयी न मे जागी हमें सताओ नहीं
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
कौन था केसा था बताओ ना
कोई अनजान सी एक पहचान थी
मेरी आँखों पे झुक कर बुलाती रही
कोई अनजान सी एक पहचान थी
मेरी आँखों पे झुक कर बुलाती रही
न मैं बोली न मैं जागी
सिर्फ सांसों की आवाज़ आती रही
एक आगोश में कैद थी रात भर
लो बता तो दिया अब सताओ नहीं
तुमको सपनो की सौगंध बनाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
तुमको सपनो की सौगंध बनाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
जिस्म जलता रहा जैसे खुसबू जले
साँस होठों पे आकर सुलगते रहे
जिस्म जलता रहा जैसे खुसबू जले
साँस होठों पे आकर सुलगते रहे
न जलि मै न बुझि मै
मेरे होठों पे सावन बरसते रहे
सौख मलता रहा एडिया रात भर
लो बता तो दिया अब सताओ नहीं
जाओ जाओ हमें यु बनाओ नहीं
दिल दिया है किसी को छुपाओ नहीं
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
दिल दिया है किसी को छुपाओ नहीं
Written by:
Gulzar, KUMAR HEMANT
Publisher:
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